क्या कहें की आपका मोर पंख हों जाना कविता को सतरंगा कर गया है . बधाई इस छोटी सी खूबसूरत रचना के लिए !!
thanks prgya ,kvita ke mrm ko smjhne ke liye .
तुम्हे किताबों की शक्ल में पढ़ते पढ़ते न जाने कब मै उसमे रक्खा मोर का पंख हो गईये क्या गजब बात हो गई.वाह...वाह .....गज़ब का लिखा आपने ......बस नीचे की दो पंक्तियाँ बदल दीजिये ...यूँ कर दें ....?तुम सहेज लेना इन पंखों कोमैं अमावस से ....पूनम की रात हो गई ......
bilkul kr detum shej lena in pnkhon ko main amavs se poonam ki rat ho gaithank you kiratthank you very very much .
क्या कहें की आपका मोर पंख हों जाना कविता को सतरंगा कर गया है . बधाई इस छोटी सी खूबसूरत रचना के लिए !!
जवाब देंहटाएंthanks prgya ,kvita ke mrm ko smjhne ke liye .
जवाब देंहटाएंतुम्हे किताबों की शक्ल में पढ़ते पढ़ते
जवाब देंहटाएंन जाने कब मै उसमे रक्खा
मोर का पंख हो गई
ये क्या गजब
बात हो गई.
वाह...वाह .....गज़ब का लिखा आपने ......
बस नीचे की दो पंक्तियाँ बदल दीजिये ...
यूँ कर दें ....?
तुम सहेज लेना इन पंखों को
मैं अमावस से ....
पूनम की रात हो गई ......
bilkul kr de
जवाब देंहटाएंtum shej lena in pnkhon ko
main amavs se
poonam ki rat ho gai
thank you kirat
thank you very very much .