रखदो चटके शीशे के आगे मन का कोई खूबसूरत कोना ,यह कोना हर एक टुकड़े में नज़र आये गा |

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बुधवार, 24 मार्च 2010


 अमिताभ बनाम चह्वाण   
इंसान  सोच से हिम्मती होना चाहिए . अगर कुछ भी सही लगता है तो खुल के प्रशंसा करे, कुछ गलत लगे तो खुल के आलोचना करे . हाजमा दुरुस्त होना चाहिए . सोच की स्वायतता बहुत जरूरी है ,वरना कदम कदम पर सफाई देते रहेंगे .बकौल ''राणा जी माफ करना गलती म्हारे से हो गई ''.

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