अमिताभ बनाम चह्वाण
इंसान सोच से हिम्मती होना चाहिए . अगर कुछ भी सही लगता है तो खुल के प्रशंसा करे, कुछ गलत लगे तो खुल के आलोचना करे . हाजमा दुरुस्त होना चाहिए . सोच की स्वायतता बहुत जरूरी है ,वरना कदम कदम पर सफाई देते रहेंगे .बकौल ''राणा जी माफ करना गलती म्हारे से हो गई ''.
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