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कोई शक नहीं कि मौत का रंग गहरा होता है लेकिन इस में भी कोई शक नहीं कि ज़िंदगी जी लेने का जज़्बा एक अलग ही रंग लिए होता है जो आपकी इन पंक्तियों में साफ़ नज़र आ रहा है
वाह! कमाल की रचना है, बहुत ही कम शब्दों में गहरी बात!
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए वार्ड वेरीफिकेसन हटा दें, और यदि आप का ब्लॉग ब्लोग्वानी और चिठाजगत पर पंजीकृत नहीं है तो कर लें, जिससे की लोगों से जुड़ने में सुविधा होगी और ज्यादा लोग आपकी रचनाएँ पढ़ सकेंगे, किसी तरह की मदद की ज़रूरत हो तो मेल करें, nilumathur@gmail.com
जवाब देंहटाएंराज , ज़िन्दगी का पूरा दर्शन दो चार पंकियों में कह दिया आपने ...बहुत खूबसूरत लिखा सचमुच . दिल से बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जी,आप ने जो दो लाईनो मै कमाल कर दिया.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हो सके तो इसे हटा दे Word verification इस का कोई लाभ नही, लेकिन टिपण्णी देने मै दिक्कत आती है
मैंने जिन्दगी की चीर को कलम से गहरा रंग दिया !!
जवाब देंहटाएंइसीलिए आपका नाम राज है ! जिन्दगी के रहस्यों पर अपनी कलम की नोंक रख दीजिये ! शुभ कामना !
मौत ने हँस के कहा, तेरी सियाही फीकी है ....
जवाब देंहटाएंकोई शक नहीं कि मौत का रंग गहरा होता है
लेकिन इस में भी कोई शक नहीं
कि ज़िंदगी जी लेने का जज़्बा
एक अलग ही रंग लिए होता है
जो आपकी इन पंक्तियों में साफ़ नज़र आ रहा है
बहुत अच्छी कृति .
बेहद खूबसूरत !!!!!!!!!!चार लाइनों मे ज़िंदगी का पूरा फलसफा । कमाल है यार !!!
जवाब देंहटाएंdosto
जवाब देंहटाएंsuch me kitni takt hai
ye hme tumse tumhe hmse jodta hai.
nileshji pragyaji raj saheb muflisji ushajiour shushilaji vkt nikalne ke liye shukriya .