बेशक मै चौहद्दी की इक ईट हूँ
मगर बहुत मजबूत हूँ |
मुझे भेद के घर के आंगन में
तांडव का मन ना बनाओ ,
तुम्हारे हर प्रहार का मुह तोड़ जवाब हूँ
बस ! वहीं ठहरो , वहीं ठहर जाओ |
दो ---
सुनहरी रेत की तरह
इस पार से उस पार तक
फैली उजली हंसी ने
कमरे में पसरे मौन से पूछा
ये चुप सी क्यों लगी है
अजी ! कुछ तो बोलिए |
तीन ----
ना तुम बुरी हो ना हम बुरे हैं ,
गर हैं तो ख्यालात बुरे हैं |
आओ इससे निज़ात पाने की कोशिश करें ,
मै मुतमइन हूँ , सुबह होगी जरूरहोगी |
चार ----
हाँ ! मुझे उमीदों से मुहब्बत करनी है ,
इस जज़्बे में घुस के मुहब्बत करनी है |
वो जो कोई बात तेरे लब पे आ के ठहरी है
उसे सरेराह , सरेआम करनी है
ताकि ताकीद रहे तुम फिर इधर का
कभी रुख ना करो
हाँ , कभी रुख ना करो |
निराशा को अच्छी चेतावनी देती रचनाएँ ....
जवाब देंहटाएंsundar rachanayein.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर ओर हिम्मत से भरपुर, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमै मुतमइन हूँ , सुबह होगी जरूरहोगी |
जवाब देंहटाएंjab kavitaon men itana ujaala hoga toh subah kaise nahin hogii ...badhaayii..
सुंदर और सार्थक रचनाएँ..
जवाब देंहटाएंआभार ....
मै मुतमइन हूँ , सुबह होगी जरूरहोगी!!!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंचारों की चारों दमदार।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है।
हिन्दी का विस्तार-मशीनी अनुवाद प्रक्रिया, राजभाषा हिन्दी पर रेखा श्रीवास्तव की प्रस्तुति, पधारें
ना तुम बुरी हो ना हम बुरे हैं ,
जवाब देंहटाएंगर हैं तो ख्यालात बुरे हैं |
आओ इससे निज़ात पाने की कोशिश करें ,
मै मुतमइन हूँ , सुबह होगी जरूरहोगी |
kamaal ka likhti hain aap
निराशा को इतनी जबदस्त पछाड़ !सलाम करती हूँ !!
जवाब देंहटाएंआपकी दो टूक बातें पसंद आई.
जवाब देंहटाएंsahi me such kaha.
जवाब देंहटाएंthanks
अच्छे लगे ।
जवाब देंहटाएंis jzbe me aap sbhi ka sath hai
जवाब देंहटाएंisse achchhi our koi kya bat hai
shukriya .
arshad bhai aapko our sbhi mitro ko ''eid''ki bhut bhut mubarkbad .
बहुत ख़ूबसूरत और शानदार रचनाएँ ! मुझे बेहद पसंद आया!
जवाब देंहटाएंनिराशा से लडने की प्रेरणा देती रचनायें बहुत अच्छी लगी। बधाई और धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें ! भगवान श्री गणेश आपको एवं आपके परिवार को सुख-स्मृद्धि प्रदान करें !
जवाब देंहटाएंना तुम बुरी हो ना हम बुरे हैं ,
जवाब देंहटाएंगर हैं तो ख्यालात बुरे हैं |
आओ इससे निज़ात पाने की कोशिश करें ,
मै मुतमइन हूँ , सुबह होगी जरूरहोगी
प्रेरणा देती रचनायें पसंद आई
तीनों में लडने का ज़ज़्बा है... और खुद पर बेईंतहा विश्वास है..
जवाब देंहटाएंकुछ ऎसा कि
’उजाला आया था मांगने हमसे रोशनी की भीख
हम अपना घर न जलाते, तो क्या करते’
कुछ ऎसा भी -
’शाखों से टूट जायें वो पत्ते नहीं हैं हम,
आँधियों से कह दो जरा औकात में रहें’
आपके ब्लॉग को फ़ॉलो कर रहा हूँ... आभार!
wah ! kya bat hai pankaj ji .
जवाब देंहटाएंaap sbhi mitro ka hardik dhnyvad our abhinandan .
उर्जा देती सुन्दर क्षणिकाएं...
जवाब देंहटाएंbahot achchi aur bhawpurn rachnayen.
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