रखदो चटके शीशे के आगे मन का कोई खूबसूरत कोना ,यह कोना हर एक टुकड़े में नज़र आये गा |

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मंगलवार, 13 जुलाई 2010

वो मासूम सवाल


चिनार का दरख्त 
मोगरे के फूल 
पारिजात की पंखुडियां
और गुलाब की खुश्बू 
कैक्टस ने पूछा -----
''सब पे तो लिखती हो 
मुझ पे क्यों नही लिखा ?''
और मै उसके मासूम से  सवाल पे 
शर्मिंदा शर्मिंदा हो गई |